प्रेरक प्रसंग- अन्त का साथी/PRERAK PRASANG- ANT KA SATHI

 

आज का प्रेरक प्रसंग

!! अंत का साथी !!

एक व्यक्ति के तीन साथी थे। उन्होंने जीवन भर उसका साथ निभाया। जब वह मरने लगा तो अपने मित्रों को पास बुलाकर बोला, “अब मेरा अंतिम समय आ गया है। तुम लोगों ने आजीवन मेरा साथ दिया है। मृत्यु के बाद भी क्या तुम लोग मेरा साथ दोगे?” पहला मित्र बोला, “मैंने जीवन भर तुम्हारा साथ निभाया। लेकिन अब मैं बेबस हूँ। अब मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता।दूसरा मित्र बोला, ” मैं मृत्यु को नहीं रोक सकता।

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मैंने आजीवन तुम्हारा हर स्थिति में साथ दिया है। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मृत्यु के बाद तुम्हारा अंतिम संस्कार सही से हो। तीसरा मित्र बोला, “मित्र! तुम चिंता मत करो। में मृत्यु के बाद भी तुम्हारा साथ दूंगा। तुम जहां भी जाओगे, मैं तुम्हारे साथ रहूंगा।मनुष्य के ये तीन मित्र हैं-  धन , परिवार  और कर्म। तीनों में से मनुष्य के कर्म ही मृत्यु के बाद भी उसका साथ निभाते हैं।

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शिक्षा :-

उपर्युक्त प्रसंग से हमें यह सीख मिलती हैं कि हमें अच्छे कर्म करने चाहिए। यही वो दौलत हैं जो मरने के बाद भी इंसान के साथ जाती हैं। अतः अच्छे कार्यों में इस अनमोल जीवन को बिताना चाहिए।

 

सदैव प्रसन्न रहिये।

जो प्राप्त है,  वही पर्याप्त है।।

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